ब्यूरो/केनगर/पूर्णिया /जिले के प्रखंड क्षेत्र के नगर के 14 एवं नगर पंचायत चम्पानगर के कोहवारा समेत 15 पैक्सों में बुधवार को कड़ी सुरक्षा के बीच अध्यक्ष एवं कार्यकारिणी सदस्यों का चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया। 36 हजार 6 सौ 94 मतदाताओं के लिए प्रखंड में कुल 60 मतदान केंद्र बनाए गए थे। इन सभी मतदान केंद्रों पर सुबह सात बजे से मतदान शुरू हो गया था। सभी मतदान केंद्र पर महिला एवं पुरुष बल की तैनाती की गई थी। साथ ही प्रखंड निर्वाची पदाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी आशिष कुमार, अंचलाधिकारी दिवाकर कुमार, केनगर थानाध्यक्ष नवदीप कुमार गुप्ता, चम्पानगर थानाध्यक्ष प्रीयंका कुमारी सहित पुलिस बल सभी मतदान केंद्रों का निरीक्षण करते नजर आए। मतदान की समाप्ति तक 60 प्रतिशत मतदान हुआ।15 सीट पर पैक्स अध्यक्ष के 48 प्रत्याशी का भाग्य मतपेटी में बंद हो गया। निर्वाची पदाधिकारी सह बीडीओ आशिष कुमार ने बताया कि केनगर प्रखंड के नगर पंचायत चम्पानगर, पोठिया रामपुर, बिठनौली पूरब, परोरा, बनभाग चूनापुर, झुन्नी इस्तम्बरार, गणेशपुर, गोकुलपुर आदि पैक्स में अध्यक्ष एवं कार्यकारिणी सदस्यों के चुनाव को लेकर कुल 60 मतदान केंद्रों पर चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न हो गया। कुल 22 हजार 1 सौ 28 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। 60.30 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने अपने मताधिकार का प्रयोग किए। मतदान प्रक्रिया समाप्त होने के उपरांत मतपेटियों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच प्रखंड के उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय प्रखंड काॅलनी में बनाए गए बज्रगृह में रखा गया। जहां गुरुवार की सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू होगी।
आयुष संचालक व सीजीएमएससी एमडी समेत 3 अफसरों पर केस दर्ज आयुष विभाग ने सरकारी संस्था को छोड़ निजी संचालकों से दवाईयां खरीदने पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने तीन अफसरों पर केस दर्ज किया है। इसमें आयुष संचालक इफ्फत आरा, संयुक्त संचालक सुनील कुमार दास और सीएमएससी एमडी पद्मिनी भोई शामिल हैं। बता दें कि इन तीनों पर पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने आरोप लगाते हुए एसटी आयोग में शिकायत की थी कि निजी कंपनियों को लाभ देने के लिए इन्होंने सरकारी संस्था संजीवनी से दवाइयां नहीं खरीदीं। जबकि मुख्य सचिव का आदेश है कि जो दवाएं स जीवनी में न मिले उन्हें ही निजी दवा निर्माताओं से खरीदा जाए। केस दर्ज होने के बाद मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने तीनों से जवाब मांगा है। बता दें कि पिछले तीन साल में आयुष विभाग ने 43 करोड़ की खरीदी में संजीवनी से सिर्फ 5.76 करोड़ की दवाएं ही लीं। शिकायत होने के बाद विभाग ने अब आनन-फानन में संजीवनी से दवाएं खरीदना शुरू कर दी है। अब तक 3.93 करोड़ की दवाएं खरीदीं जा चुकी हैं। नियम आने के बाद आयुष ने 2022-23 में 12.64 करोड़ की दवाएं खरीदीं, इसमें संजीवनी से 1.73 करोड़ की दवाएं खरीदीं गई...
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