Skip to main content

चंम्पानगर थाना पुलिस ने दो धंधेबाज को छापामारी के दौरान एक को कोडिन कफ सीरप के साथ दूसरे को देसी चुलाई शराब मामले में गिरफ्तार कर भेजा जेल।

ब्यूरो पूर्णिया/रविवार को चम्पानगर थाना पुलिस ने चम्पानगर थाना में ही अलग अलग दो स्थान पर विशेष छापेमारी अभियान के तहत गुप्त सूचना पर एक कोडिंग युक्त कफ सीरप के धंधेबाज को कफ सीरप के साथ तथा दुसरे को देशी चुलाई शराब के साथ गिरफ्तार कर लिया।थानाध्यक्ष प्रियंका कुमारी ने बताया की गिरफ्तार व्यक्ति कोडिंग युक्त कफ सीरप के धंधेबाज नगर पंचायत चम्पानगर के वार्ड संख्या- 9 स्थित चम्पानगर बाजार निवासी स्व0 रामजनम सिंह का 40 वर्षीय पुत्र उमेश कुमार जो मूर्तिकार है।वही दुसरा देशी चुलाई शराब के साथ गिरफ्तार महिला पोठिया रामपुर पंचायत के प्रसादपुर बेलदारी संथाली टोला निवासी बाबूलाल बास्की की पत्नी फूलमनी मूर्मू है। चंम्पानगर थाना अध्यक्ष प्रियंका कुमारी ने बताया की उमेश कुमार के घर से 30 बोतल कफ सीरप बरामद किया गया है जो जमीन के अंदर अलग-अलग जगह पर छुपा कर रखा हुआ था जिसे जमीन से खोदकर निकाला गया। थानाध्यक्ष ने बताया की फूलमनी मूर्मू के घर से 10 लीटर देशी चुलाई शराब बरामद किया गया है। बताया की आवश्यक कार्रवाई करने के बाद सोमवार को दोनों अभियुक्त को न्यायिक हिरासत पूर्णिया भेज दिया गया है। 

Comments

Popular posts from this blog

पद्मिनी भोई ने आयुष के दवा खरीदी में भी भारी घोटाला किया

आयुष संचालक व सीजीएमएससी एमडी समेत 3 अफसरों पर केस दर्ज आयुष विभाग ने सरकारी संस्था को छोड़ निजी संचालकों से दवाईयां खरीदने पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने तीन अफसरों पर केस दर्ज किया है। इसमें आयुष संचालक इफ्फत आरा, संयुक्त संचालक सुनील कुमार दास और सीएमएससी एमडी पद्मिनी भोई शामिल हैं। बता दें कि इन तीनों पर पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने आरोप लगाते हुए एसटी आयोग में शिकायत की थी कि निजी कंपनियों को लाभ देने के लिए इन्होंने सरकारी संस्था संजीवनी से दवाइयां नहीं खरीदीं। जबकि मुख्य सचिव का आदेश है कि जो दवाएं स जीवनी में न मिले उन्हें ही निजी दवा निर्माताओं से खरीदा जाए। केस दर्ज होने के बाद मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने तीनों से जवाब मांगा है। बता दें कि पिछले तीन साल में आयुष विभाग ने 43 करोड़ की खरीदी में संजीवनी से सिर्फ 5.76 करोड़ की दवाएं ही लीं। शिकायत होने के बाद विभाग ने अब आनन-फानन में संजीवनी से दवाएं खरीदना शुरू कर दी है। अब तक 3.93 करोड़ की दवाएं खरीदीं जा चुकी हैं। नियम आने के बाद आयुष ने 2022-23 में 12.64 करोड़ की दवाएं खरीदीं, इसमें संजीवनी से 1.73 करोड़ की दवाएं खरीदीं गई...

रुंगटा और मैत्री डेंटल कॉलेज अवैध

बिना लाइसेंस लिए 10 से संचालित, तत्काल बंद करने के लिए नोटिस जारी मैत्री डेंटल कॉलेज भवन छत्तीसगढ़ के भिलाई कोहका रोड में संचालित रुंगटा डेंटल कॉलेज और अंजोरा में संचालित मैत्री डेंटल कॉलेज को नर्सिंग होम एक्ट के तहत नोडल अधिकारी ने अवैध करार दिया गया है। डॉ. अनिल शुक्ला बताया कि दोनों कॉलेज नर्सिंग होम एक्ट के नाम्स के तहत संचालित नहीं हो रहे हैं, इसलिए मैत्री डेंटल कॉलेज और रुंगटा डेंटल कॉलेज पर कार्रवाई की गई है। दुर्ग नर्सिंग होम एक्ट के नोडल डॉ. अनिल शुक्ला ने बताया कि रुंगटा कॉलेज ऑफ डेंटल साइंस एंड रिसर्च नाम से कुरुद रोड कोहका में एक डेंटल कॉलेज संचालित हो रहा है। यह कॉलेज संजय रुंगटा ग्रुप का कॉलेज है। मैत्री डेंटल कॉलेज को तत्काल बंद करने के लिए नोटिस जारी किया गया है। रुंगटा डेंटल कॉलेज भवन बिना लाइसेंस लिए चल रहा कॉलेज उन्होंने कुछ दिन पहले इसकी जांच की थी। जांच में पाया गया कि यह कॉलेज नर्सिंग होम एक्ट अधिनियम के तहत बिना लाइसेंस लिए ही कॉलेज का संचालन कई साल से कर रहा है। इतना ही नहीं इनके द्वारा यहां स्टूडेंट्स को इंटर्नशिप भी दी जा रही है। पिछले 10 साल से अवैध रूप से सं...

खनिज शाखा में अरबों रुपए की रॉयल्टी फर्जीवाड़ा

बलरामपुर, 6 सितंबर। बलरामपुर जिले की खनिज शाखा में दस्तावेजों को आग लगवाकर भ्रष्टाचार छिपाने का आरोप लगा है। इस घटना में खनिज अधिकारियों, आरटीआई शाखा के लिपिक, ठेकेदारों और क्रेशर संचालकों की मिलीभगत बताई गई है। सरगुजा संभाग के आयुक्त ने इसे लेकर जांच के आदेश दिए हैं। अधिवक्ता और आरटीआई कार्यकर्ता डॉ. डीके सोनी ने 12 अगस्त 2024 को सरगुजा संभाग आयुक्त के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत में कहा गया कि बलरामपुर की खनिज शाखा, जो कंपोजिट बिल्डिंग में स्थित है, में जानबूझकर आग लगवाई गई। इस आग में ऐसे दस्तावेज जले हैं, जो 1000 करोड़ से अधिक की रॉयल्टी क्लीयरेंस से जुड़े थे। आरोप है कि इन दस्तावेजों को इस तरह रखा गया था ताकि खिडक़ी से आग लगाई जा सके। शिकायत के अनुसार, बलरामपुर खनिज शाखा के अधिकारी और लिपिकों ने ठेकेदारों और क्रेशर संचालकों के साथ मिलकर यह साजिश रची थी। खासतौर पर, ग्राम भेसकी स्थित महामाया क्रेशर से जुड़ी जानकारी को आरटीआई के तहत मांगा गया था, जिसे छिपाने के लिए आग लगवाई गई। यह जानकारी सार्वजनिक हो जाने पर अवैध खनन और सैकड़ों करोड़ की माइनिंग राशि चोरी का खुलासा हो सकता था...