बरहरा/पूर्णिया /जिले के बरहरा प्रखंड के ठाड़ी पंचायत के बालु टोला ग्राम गाँव में बुधवार की रात शिक्षक सुबोध सिंह की स्व0 माता सती देवी की श्राद्ध कर्म मनाई गई। कार्यक्रम उनके आवास बालु टोला ग्राम पर श्रद्धांजलि सभा के रूप में आयोजित की गई। मौके पर दिवंगत माता के पुत्र सुबोध सिंह, दवा विक्रेता संघ अध्यक्ष लाल मोहन सिंह व प्रभास सिंह के अलावा अन्य परिजन सहित समाजसेवी , प्रबुद्धजनों ने स्व0 शांति देवी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और उन्हें याद किया गया। साथ ही दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा के शांति की प्रार्थना की गई। मौके पर पशुपालन एवं मत्स्य पूर्व मंत्री सह वर्तमान कसवा विधायक मो अफाक आलम एवं रुपोली विधायक शंकर सिंह, कांग्रेस जिला महासचिव चंदन कुमार उर्फ राजू सिंह, समाजसेवी कसवा विधायक के भाई मो सालिक, के नगर विधायक प्रतिनिधि इन्देश्वरी परिहार उर्फ डा अशोक कुमार घोरदौल पंचायत के पूर्व मुखिया मो ऐयूब, वार्ड सदस्य इमरान, समिति पति मोहम्मद तबरेज पूर्व मंत्री जी के साथ थे। मंत्री अफाक साहब ने कहा की माता पिता से बड़ा धन कोई नहीं होता है। साथ ही स्व० माता के शोक सभा में 4 घंटे रुके ही रह गए साथ में इसके पूर्व मेयर पति प्रताप सिंह, पूर्व डिप्टी मेयर संतोष यादव, पूर्व सरपंच नागेश्वर मेहता, पूर्णिया जिला जदयू अध्यक्ष प्रकाश मंडल, समाजसेवी रवि रंजन सिंह, निरंजन सिंह, बबलू सिंह, पत्रकार रिंकू यादव, कांग्रेस नेता रंजन सिंह, सुनील सिंह आदि जनप्रतिनिधि एवं समाज सेवियों ने स्व0 सति देवी के तैल्य चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा के शांति के लिए प्रार्थना की।
आयुष संचालक व सीजीएमएससी एमडी समेत 3 अफसरों पर केस दर्ज आयुष विभाग ने सरकारी संस्था को छोड़ निजी संचालकों से दवाईयां खरीदने पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने तीन अफसरों पर केस दर्ज किया है। इसमें आयुष संचालक इफ्फत आरा, संयुक्त संचालक सुनील कुमार दास और सीएमएससी एमडी पद्मिनी भोई शामिल हैं। बता दें कि इन तीनों पर पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने आरोप लगाते हुए एसटी आयोग में शिकायत की थी कि निजी कंपनियों को लाभ देने के लिए इन्होंने सरकारी संस्था संजीवनी से दवाइयां नहीं खरीदीं। जबकि मुख्य सचिव का आदेश है कि जो दवाएं स जीवनी में न मिले उन्हें ही निजी दवा निर्माताओं से खरीदा जाए। केस दर्ज होने के बाद मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने तीनों से जवाब मांगा है। बता दें कि पिछले तीन साल में आयुष विभाग ने 43 करोड़ की खरीदी में संजीवनी से सिर्फ 5.76 करोड़ की दवाएं ही लीं। शिकायत होने के बाद विभाग ने अब आनन-फानन में संजीवनी से दवाएं खरीदना शुरू कर दी है। अब तक 3.93 करोड़ की दवाएं खरीदीं जा चुकी हैं। नियम आने के बाद आयुष ने 2022-23 में 12.64 करोड़ की दवाएं खरीदीं, इसमें संजीवनी से 1.73 करोड़ की दवाएं खरीदीं गई...
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